स्वप्नदोष, शीघ्रपतन, छोटा लिंग तथा धातु रोग रोकने के आसान घरेलू उपाय दवा और नुस्खे

पुरुषों में होने वाले गुप्त रोग तथा उनके आयुर्वेदिक उपचार

प्राचीन काल से ही हमारे ऋषि-मुनियों ने भोजन पर बहुत गहरा अध्ययन किया है। हमारे ऋषियों ने एक सही भोजन के बारे में बहुत सारे अध्ययनों के बाद बहुत कुछ दिशा-निर्देश दिए हैं। ऋषियों ने बताया है कि भोजन में क्या मनुष्य को स्वस्थ रखने के लिए अति आवश्यक है। उन्होंने भोजन के आवश्यक तत्व के बारे में विस्तार पूर्वक बताया है, मनुष्य को क्या खाना चाहिए, कब खाना चाहिए तथा कैसे खाना चाहिए इस पर उन्होंने गहन शोध के बाद महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए हैं।

मानव शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए कई प्रकार के  पोषक तत्व की आवश्यकता होती है जो हमें विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों से प्राप्त होते हैं। जब मानव शरीर को पर्याप्त पोषक तत्व प्राप्त नहीं होते तो पोषक तत्व के अभाव में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। जिसकी वजह से इंसान को कई प्रकार की बीमारियां होने का खतरा उत्पन्न हो जाता है। उचित भोजन न मिलने तथा उसकी वजह से पोषक तत्वों की पर्याप्त मात्रा ना मिलने से इंसान को कई प्रकार की शारीरिक तथा मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन मे से जो सबसे बड़ी तथा खतरनाक समस्या है वो हैं पुरूषों में गुप्त रोग। यह समस्या सिर्फ खानपान की कमी की वजह से ही नहीं उत्पन्न होती बल्कि आज के आधुनिक युग के दिनचर्या तथा रहन-सहन के कारणों की वजह से उत्पन्न होती है। आजकल ज्यादातर लोग ऑफिसों में बैठकर काम करते हैं जिससे उनके शरीर की पर्याप्त एक्सरसाइज नहीं हो पाती, जिसकी वजह से भी यह समस्याएं उत्पन्न होती है। इसके अलावा कम उम्र मे कि गई कुछ अनावश्यक क्रियाओं के कारण भी यह समस्या उत्पन्न होती है। हम आगे इन समस्याओं से मुक्ति पाने के आसान घरेलू और आयुर्वेदिक नुस्खों के बारे म बताएंगे।

पुरुषों में होने वाले मुख्य गुप्त-रोग तथा उनके इलाज इस प्रकार हैं-

शीघ्रपतन

संभोग के समय जल्दी वीर्य निकल जाए तो इसी को शीघ्रपतन कहते हैं। आमतौर पर वीर्य स्खलन 3 से 5 मिनट के बीच में होना चाहिए परंतुु यदि यह 2 से 3 मिनट से भी कम समय में होता है इसे तो इसे शीघ्रपतन कहा जाएगा। आजकल ऐसा देखा जा रहा है कि जिन लोगों को शीघ्रपतन की समस्या नहीं है वे भी ऐसा समझते हैं कि उन्हें शीघ्रपतन की समस्या हो गई है। क्योंकि आजकल लोग ज्यादातर अश्लील साइटों पर वीडियोस देखते हैं जहां संभोग का समय आधा से एक घंटे तक का दिखाया जाता है। परंतु यह प्राकृतिक नहीं है। प्राकृतिक तौर पर संभव का समय 3 से 5 मिनट या इससे ज्यादा का हो तो सामान्य माना जाता है। यदि 3 मिनट से कम समय मे ही स्खलन हो जाए तो इसे शीघ्रपतन की समस्या कहा जाता है।

शीघ्रपतन की समस्या से मुक्ति के कुछ उपचार इस प्रकार हैं-

  • पांच इमली के बीज रात को सोने से पहले एक कटोरी कर्म पानी में भिगोए। सुबह हाथ से रगड़ कर उनका छिलका उतार ले। 1 किलो दूध में डालकर आधा दूध रहने तक पकाएं अर्थात दूध जब तक आधा लिटर ना हो जाए तब तक पकाये। दूध को प्राकृतिक रूप से ठंडा होने दें। सोने से पहले पांचों बीज बारीक चबाकर खाएं तथा साथ में दूध पिए इससे आश्चर्यजनक लाभ होगा। 1 माह नियम से सेवन करें। इमली की खटाई भूलकर भी ना खाएं। 1 माह तक ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • असली वंशलोचन तथा सत्व गिलोय बराबर मात्रा में लें तथा कूट लें। प्रतिदिन 2 ग्राम शहद के साथ ले। इससे वीर्य गाढ़ा हो जाएगा जिससे शीघ्र स्खलन नहीं होगा।
  • जायफल चूर्ण 3 चुटकी पुरुष अपने लिंग के सुपारे पर रखकर सहवास करें। स्त्री शीघ्र स्खलित हो जाएगी।

पुरुष शक्ति को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ (Foods that enhance male strength)

  • दो देसी अंडों का हलवा देसी घी में बनाकर सर्दियों में हफ्ते में तीन बार खाएं यह मर्दाना शक्ति बढ़ाने में कारगर है।
  • सिंघाड़े का हलवा देसी घी में बनाकर 50-50 ग्राम हर रोज एक महीने तक खाने से वीर्य गाढ़ा हो जाता है तथा मर्दाना ताकत बढ़ती है।
  • सालम मिश्री पंजे वाली, सफेद मूसली, काली मूसली, सतावर ,सालम गट्ठा, सुर्ख बहामन, सफेद बहामन, शकाकल मिश्री, दालचीनी, तबाशीर, मस्तगी रूमि, कमरकस, तालमखाना, अकर्करा, खुलांंजां, गोंद, कीकर, सिंघाड़े, बीजबंद, असगंध, विदारीकंद, छोटी इलायची। इन सभी जड़ी बूटियों को 25-25 ग्राम तरुमेरीहा, अजवाइन, खुबानी 10-10 ग्राम, कुंजा मिश्री 300 ग्राम सबको बारीक करके 6-6 ग्राम सुबह-शाम दूध से लें। आचार, गन्ना, चावल ना खाएं। यह मिश्रण सभी प्रकार की कमजोरियों को नष्ट करता है तथा पुरुष शक्ति को बढ़ाता है।
  • सालम मिश्री पंजे वाली 3 ग्राम तथा मूसली सफेद 3 ग्राम दोनो को बारीक पीसकर छान लें। विधि- 400 ग्राम दूध आग पर उबाले और उसमें 9 ग्राम दवाई डाल कर चम्मच से चलाएं। जब दूध गाढ़ा हो जाए तो थोड़ी सी खांड मिलाएं। इस खीर को सुबह व रात्रि को सोते समय 20 दिन तक खाएं। खटाई का परहेज करें।
  • फायदे- कमर दर्द, सुस्ती, कमजोरी को दूर करके ताकत को बढ़ाता है। एक बार अवश्य प्रयोग करें।

स्वप्नदोष ( Night falls)


सोते समय वीर्य के निकल जाने को स्वप्नदोष कहते हैं। वैसे तो यह शिकायत हर टीनएजर को हो जाया करती है क्योंकि टीनएज के दौरान शरीर में कई प्रकार की रासायनिक क्रियाएं होती है। इस दौरान लड़कों में वीर्य का उत्पादन शुरू हो जाता है। जब वीर्य अंडाशय में बहुत ज्यादा बन जाता है तो वह अपने आप बाहर निकल आता है इसी को स्वप्नदोष कहते हैं। आमतौर पर 1 महीने में दो से तीन बार स्वप्नदोष सबको ही होता है यह आम बात है। परंतु महीने में 4 से 5 या इससे भी ज्यादा बार स्वप्नदोष हो तो इसका इलाज आवश्यक हो जाता है।

अत्यधिक स्वप्नदोष का उपचार निम्न विधियों द्वारा किया जा सकता है-

  • तुख्मकाहू, तुख्मकासनी, धनिया अजवाइन, खुरासानीर, तुख्मखीरा, नीलोफर, इसबगोल भूसी तथा कुंजा मिश्री का बराबर वजन लेकर बारीक करके 6-6 ग्राम सुबह-शाम ताजे पानी से 30 दिन तक खाएं। रोजाना होने वाला स्वप्नदोष रुक जाता है। गुड़, चावल, खटाई, अंडा, शराब और दूध आदि का परहेज करें।
  • तुलसी के बीज 4-4 ग्राम पानी से कुछ दिनों तक शाम को खाएं।
  • बीजबंद 3 ग्राम पानी से खाने से स्वप्नदोष होना रुक जाता है।
  • साबर मिश्री, सफेद मूसली, सफेद संदल, छोटी इलायची, सफेद जीरा, सतवार तथा इसबगोल भूसी सभी 10-10 ग्राम लेकर बारीक कूटकर छान लें और 6 ग्राम सुबह-शाम दूध के साथ सेवन करें। धात रोग के लिए इस मे कुंजा मिश्री 40 ग्राम मिलाएं।
  • इमली के बीज 125 ग्राम, 400 ग्राम दूध में भिगोकर रखें। दो दिन बाद छीलकर साफ करके पीस लें। 6-6 ग्राम सुबह-शाम पानी के साथ इस्तेमाल करें। यह धातु रोग के लिए भी उपयोगी है।
  • कीकर की कच्ची कलियां छाया में सुखाकर बारीक करले और उसके बराबर मिश्री मिलाकर सुबह-शाम 6-6 ग्राम दूध के साथ खाएं। धातु रोग व कमजोरी की बढ़िया दवाई है। कतरा तथा लेस आना बंद हो जाएगा।
  • 3 ग्राम मुलेठी का चूर्ण शहद के साथ चाटने पर स्वप्नदोष ठीक हो जाता है।
  • बनारसी आंवले का मुरब्बा एक कली प्रतिदिन पानी से धोकर चबा-चबा कर खाएं। यह नेत्र रोग व हृदय रोग को भी अच्छा करता है। यह स्वप्नदोष में अत्यंत लाभकारी है।

स्वप्नदोष एक मानसिक बीमारी है। अतः मन को पवित्र करें, शीतल जल से स्नान करें, रात्रि को गर्म दूध ना पिए तथा रात को सोने से पहले अपने पांव ठंडे जल से अच्छी तरह धो लें। इससे अच्छी नींद आती है तथा स्वप्नदोष भी नहीं होता।

स्वप्नदोष की बीमारी जड़ से शादी के बाद ही खत्म होती है। महीने में दो-तीन बार हो तो चिंता मत कीजिए इससे ज्यादा होने लगे तो इलाज आवश्यक रूप से करवाना चाहिए।

बीमारी को रोकने के उपाय

  • रात को दूध ना पिए।
  • रात को सोते समय हाथ-पैरों को ठंडे पानी से धोना चाहिए।
  • करवट से सोने की आदत डालें।
  • रात्रि को खाना कम खाएं, और खाने के 2 घंटे बाद सोने की आदत डालें।
  • गर्म मसाले, पकवान, अंडे और शराब से परहेज करें।
  • सुबह-सवेरे नंगे पैर हरी घास पर घूमना चाहिए।
  • खाना खाने के बाद पेशाब जरूर करना चाहिए।
  • गंदी फिल्में व अश्लील तस्वीरों को ना देखें।
  • बुरे दोस्तों से बचना चाहिए और अगर कोई गंदी आदत है तो आज से ही छोड़ने की कसम खाईए।
  • हर रोज लिंग की सफाई करें। सुपारी के ऊपर की चमड़ी को हटाकर अच्छे से पानी से धोएं।
  • लंगोटी कभी भी ना बांधे। अगर बीमारी थोड़े समय की है तो तुखमेरीहा 4-4 ग्राम सुबह-शाम पानी से 1 सप्ताह तक लेने  से स्वप्नदोष की शिकायत दूर हो जाती है। अगर आप इन लिखी हुई बातों पर अमल करेंगे तो आपकी सेहत ठीक हो सकती है।

धातु रोग (Metal disease)


असंगध, नागौरी, सौंठ तथा चीनी सभी बराबर बराबर मात्रा में लें। चारों दवाओं को कूटकर कपड़े से छान लें और दवा के बराबर घी कराही में डालकर पका लें। पानी जल जाने पर उतार लें और ठंडा करके 1-1 तोला के लड्डू बना ले। एक-एक लड्डू सुबह-शाम गाय के दूध के साथ ले। इसके प्रतिदिन उपयोग से कमर, हाथ-पैर का दर्द दूर होगा। धातु की कमी ठीक हो जाएगी तथा पर्याप्त बल तथा वीर्य में वृद्धि होगी। इस दवा का सेवन स्त्रियां भी कर सकती हैं।

लिंग का छोटा होना (Penis shortening)


यदि लिंग का आकार तनी हुई अवस्था में 3 इंच से कम है तो उसे छोटा लिंग कहा जाएगा। इसकी वृद्धि के लिए नीचे लिखे हुए तेल का प्रयोग किया जा सकता है-

  • रेमाही, लॉन्ग, जायफल, जावित्री, हींग, कुवला, मालकांगनी, खरातीन, पिस्ता, अकर्करा, सफेद मिर्च, घुघली तथा चौक 6-6 ग्राम बारीक करके 250 ग्राम तिल के तेल में डालकर आग पर पकाएं। जब दवा जल जाए तो ठंडा होने पर छानकर शीशे की बोतल में भर लें।
  • प्रयोग करने की विधि-  चार बूंद तेल रोजाना रात को लिंग पर 2 मिनट तक  मालिश करके पान या अरंडी का पत्ता  गर्म करके बांधे। रात को  उत्तेजना आने पर  आंख खुल जाने  पर  पत्ते को खोल कर फेंक दे।  इस नुस्खे को करने से 20 दिन बाद नसों की कमजोरी दूर होकर पूरी शक्ति आ जाएगी।

वीर्य गाढ़ा करने के उपाय

  • अकरकरा, कबाब चीनी, जायफल, बीजबंद तथा  अफीम बराबर-बराबर मात्रा में ले ले।
  • चारों दवा कूटकर कपड़े से छान लें तथा अफीम पकाकर किमाम कर ले और दवा के साथ घोटकर 1 ग्राम की गोली बना ले।
  • इसकी एक गोली संभोग से आधा घंटा पहले पान की पत्ती में रखकर खाएं। जब तक खटाई ना खाएंगे वीर्य स्तंभन होगा।
  • इस लेख में बताए गए नुस्खे पूर्ण रूप से आयुर्वेदिक हैं तथा आसानी से घर में बनाए जा सकते हैं। इन नुस्खों को हमारे ऋषि-मुनियों ने कई हजार सालों के प्रयोग के आधार पर बनाया है। इन नुस्खों का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है, परंतु सभी शरीर एक समान नहीं हो सकते इसलिए हो सकता है कि कुछ लोगों पर इन नुस्खों का संतोषजनक प्रभाव ना हो।
  • इन नुस्खो का प्रयोग सदैव डॉक्टर के सलाह पर ही किया जाना चाहिए। इन नुस्खों के प्रयोग से मिले किसी भी प्रकार के परिणाम के लिए इस लेख के लेखक तथा  प्रकाशक किसी भी प्रकार से उत्तरदाई नहीं होंगे। इसलिए नुस्खों का डॉक्टर की सलाह अनुसार ही प्रयोग किया जाना चाहिए।

 

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